रघुनाथ मंदिर का रहस्य Raghunath Temple Mystery in Hindi
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मंदिर की क्या आपने किसी ऐसी मंदिर के बारे में सुना है जहां हिंदू धर्म के सारे देवी देवता मौजूद है। जब भी बात आती है तो हम सबसे पहले यह जानने की कोशिश करते हैं कि उस मंदिर में कौन से भगवान विराजमान है। इस बात को अगर हम सीधे तौर पर कहे तो जितने भगवान उतने मंदिर। परंतु जी हां दोस्तों हिंदू धर्म के सभी देवी देवता। मंदिरों का शहर जम्मू का बात हो तो सबसे पहले वैष्णो देवी की पवित्र यात्रा का ख्याल आता है, परंतु यहां एक ऐसा मंदिर भी मौजूद है जहां हिंदू धर्म के 33 कोटि देवी देवता मौजूद है। यह मंदिर इतना भव्य है जिसका अंदाजा आप सोच कर भी नहीं लगा सकते। तो चलिए बताते हैं आपको इस मंदिर के बारे में….
इस मंदिर का नाम है रघुनाथ मंदिर(Raghunath Temple) । दोस्तों जब भी 33 कोटि देवी देवता की बात आती है तो रघुनाथ मंदिर का जिक्र लाजमी है। रघुनाथ मंदिर जम्मू शहर के मध्य में स्थित है। यह मंदिर न सिर्फ हिंदू धर्म की आस्था का बल्कि जम्मू की भी पहचान है।
यह मंदिर अपनी कलात्मकता का एक विशिष्ट उदाहरण है। रघुनाथ मंदिर(Raghunath Temple) भगवान राम को समर्पित है। यह मंदिर उत्तर भारत के प्रमुख और अनोखी मंदिरों में से एक है। रघुनाथ मंदिर का निर्माण सन 1857 में महाराजा रणवीर सिंह और उनके पिता महाराजा गुलाब सिंह द्वारा करवाया गया था। इस मंदिर में 7 ऐतिहासिक धार्मिक स्थल मौजूद है, मंदिर के आंतरिक हिस्सों में सोना लगा हुआ है जो तेज का स्वरूप है। इस मंदिर में कई देवी और देवताओं की मूर्ति लगी हुई है। श्रद्धालुओं को यह देखकर काफी आश्चर्य होता है कि इस मंदिर में हिंदू धर्म के 33 कोटि देवी और देवताओं की लिंगम भी बने हुए है जो की मंदिर में एक इतिहास है।
ऐतिहासिक रघुनाथ मंदिर(Raghunath Temple) पर नवंबर 2002 में आतंकी हमला भी हो चुका है जिसके बाद इस मंदिर को कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया था। हमले के 11 साल बाद 2013 में एक बार फिर से मंदिर के द्वार भक्तों के लिए खोल दिया गया था। इस मंदिर को सन 1835 में राजा गुलाब सिंह ने बनवाना शुरू किया था, लेकिन मंदिर का निर्माण कार्य राजा रणधीर सिंह के काल में ही पूरा हुआ था।
रघुनाथ मंदिर(Raghunath Temple) के बाहर से 5 कलस नजर आते है जो लंबाई में फैले हुए हैं। यहां भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की विशाल मूर्तियां है। इस मंदिर में रामायण और महाभारत काल के कई चित्रों की मूर्तियां विभिन्न कक्षाओं में लगे हुए है। इसके अलावा इस मंदिर में एक कक्ष ऐसा भी है जहां चारों धामों के दर्शन किए जा सकते हैं, साथ ही इस मंदिर में बीच में ऐसी व्यवस्था है कि चारों ओर से रामेश्वरम धाम, द्वारकाधीश धाम,
एक कच्छ में बीच में भगवान सत्यनारायण के दर्शन किए जा सकते हैं, इस कक्ष के बीचो-बीच उकेरा गया सूर्य बहुत सुंदर है। हर महीने चैत्र वैशाख आदि के लिए उस माह के मुख्य देवता की मूर्ति है।
रघुनाथ मंदिर का निर्माण कार्य कैसे हुआ?
इससे जुड़ा एक बेहद ही रोचक किस्सा है। कहा जाता है कि महाराजा गुलाब सिंह को इस मंदिर के निर्माण की प्रेरणा श्री राम दास बैरागी से मिली थी। कहा जाता है कि श्री राम दास बैरागी ने गुलाब सिंह के राजा बनने की भविष्यवाणी की थी जो कि बाद में सत्य निकली। राम दास बैरागी भगवान राम के भक्त थे और वह भगवान राम के आदेशों का प्रचार कर रहे अयोध्या से जम्मू आए थे। जिस दौरान वह ‘सुई सिवनी’ में कुटिया बनाकर रहते थे। रामदास ने जम्मू क्षेत्र में पहले राम मंदिर का निर्माण ‘सुई सिवनी’ में करवाया था। इस मंदिर में रामनवमी का त्यौहार बहुत दर्शनीय होता है। राजा महाराजाओं के समय में रामनवमी का त्यौहार पर सरकारी छुट्टियां घोषित की जाती थी और भगवान राम की झांकी साथ-साथ पुलिस और सुरक्षा बल की टुकड़िया चला करती थी।
दोस्तों इस मंदिर की भव्यता का अंदाजा आप सोचकर नहीं लगा सकते है, इसके लिए आपको रघुनाथ मंदिर(Raghunath Temple) में आना होगा। यहां तक पहुंचने का पूरा पता हमने आपके लिए नीचे दे दिया है।
फत्थु चौगान, पक्की ढाकी, माजिन, जम्मू और कश्मीर 180001. समय: सोमवार - शुक्रवार: प्रातः 6.00 बजे - प्रातः 8.00 बजे, शनिवार: प्रातः 6.00 बजे - प्रातः 8.00 बजे, रविवार: प्रातः 6.00 बजे - प्रातः 8.00 बजे, सार्वजनिक अवकाश: प्रातः 6.00 बजे। निकटतम रेलवे स्टेशन: जम्मू तवी, मंदिर रेलवे स्टेशन से लगभग 3 किमी की दूरी पर स्थित है। निकटतम वायु बंदरगाह: जम्मू हवाई अड्डा, जो मंदिर से लगभग 8 किमी दूर है। फोटोग्राफी: मंदिर के अंदर किसी भी कैमरा, मोबाइल की अनुमति नहीं है।
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